कैसे करु पहचान‌

ना आता मुझको छल करना
ना मैं कर पाऊं ढोंग
जग की चालाकी समझ न पाऊं
समझूं अपने जैसा
कौन है अपना कौन पराया
इसकी मुझको परख नही
मुझ संग कौन करे चालाकी
इसका मुझको ज्ञान नहीं
उनको समझ आता है ऐसा*नीरजा*
 बेवकूफ नहीं कोई मेरे जैसा

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