कसक

कोई कसक ना रहे जिन्दगीं में
ऐ दिल तू सारे जतन कर ले।
मिले अर्श या फर्श हो नसीब
कोशिश तू इक मुक्मल कर ले।
जर्रे को पाने की जद्दोजहद् में
लगन से तू पूरा सफर करले।
जो होगा पूरा समर्पण तेरा
मिलेगा ये पूरा तुझे आसमां
समंदर की लहरो से जो तू डर गया
सीपी से मोती पायेगा कैसे।
नतीजा हो कोई न घबरा तू बन्दे
कोशिश ज़ुनूनी तू इक कर ले
कोई कसक ना रहे जिंन्दगीं में।

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