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my new book..!!❣️❣️

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       👉👉👉    तिरस्कृत My new book..!!❣️❣️ Please read it..!!❣️ https://www.amazon.in/dp/B08DD265WV/ref=cm_sw_r_wa_apa_yZVfFbY49A2Q1

तुम जो चाहो

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तुम जो चाहो काम करूं दिन को चाहो रात कहूं पल पल तुझको याद करूं हर पल तेरी बात करूं ये जीवन तेरे नाम करूं बस तुझसे हीं प्यार करूं

सोचा तुझसे बात करूं...!!🌼💖😍❣️❣️❣️

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सोचा तुझसे बात करूं…..💖😍 सोचा तुझसे बात  करूं  ख्वाहिश का इज़हार करूं तू  क्यूं तन्हा जीती है प्यार जो मुझसे करती है जो मेरी वो ख्वाहिश तेरी तो फिर इन्कार क्यूं करती है माना   कुछ  मजबूरी है अपने बीच जो दूरी हैं  मन की अपने बात तो कह  तन्हा ही ना सब कुछ सह  सिर्फ तू ही नहीं है मेरी  तेरी जिम्मेदारियां भी है मेरी क्या हुआ जो फर्ज तेरे बाकी है तेरे साथ ये साथी है

सब रूप ज़िन्दगी के..❣️🌞🌞

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सब रूप जिन्दगी के होते साकार हैं कभी अर्द्ध कभी पूर्ण चंद्राकार है कभी उजाला पूर्णिमा का जीवन में और कभी अमावस्या की रात है जो ना हो विचलित इन सबों से वहीं सच्चा इंसान है नीरजा...✍️

दिल की ज़रूरत।।💖😍

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दिल की जरूरत ना मेरी है ज्यादा बस थोड़ी खुशियां जरा सा सहारा चाहत ये दिल की मिले साथ तेरा ख्वाबों सा सुन्दर हो अपना बसेरा जरूरत नहीं है मुझे  गाड़ी बंगले की तेरे संग झोपड़ी में भी कर लूं गुजारा।...

rishton ki dhoop❤️❤️🌈🌈✨✨🌕

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  रिश्तों की धूप छांव भरी है जीवन की ये नांव जब हो धूप ना घबराओ, निश्चय ही मिलेगी तुम्हें छांव।....🌼🌼🌈🌈🌈❤️❤️

त्याग दो...।। 💔💔

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त्याग दो बेशक मुझे पर चैन तुम ना पाओगे रूह में हूं मैं तुम्हारी मुझ बिन जी न पाओगे हर सांस में हर सोच में हर शब्द में तेरी समाहित मैं ही हूं हर घड़ी ,हर दिन हर  महीने और साल में बिना शामिल मेरे ना होगा  कोई लम्हा तेरे ख्याल में छीनना जो चाहे खुदा उससे भी लड़ मैं जाऊंगी पर तेरी रूखाई को मैं सह ना पाऊंगी त्याग दो बेशक मुझे पर चैन तुम ना पाओगे। त्याग दो..💔

मै पागल हो जाऊं...🥰❣️🌼🌻

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तू लहराती है नदियां सी मैं देख दंग रह जाता हूं छूना चाहू पास से तुझको पर मन हीं मन घबराता हूं। मैं बन जाऊं मस्त पवन उड़ तेरी गलियों में आऊं छूकर तेरे बदन की खुशबू  मैं पागल हो जाऊं

गुरु

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गुरु मिले गोविन्द सा शिष्य हो पार्थ समान जो संयोग हो ऐसा सार्थक जीवन जान।

अधूरी रह गई बात..💔🥺

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सच पूछो तो तुम , मुझको समझ न पाए साथ तुम बेशक मेरे पर मेरे मन को समझ न पाए। सोचा समझाऊं तुमको  अपने मन की बात पर मन की ख्वाहिश  मन में रह गई अधूरी रह गई बात , adhuri reh gyi baat..

रास्ता भटक गया हूं 💔💔🥺

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रास्ता भटक गया हूं मुझको एहसास है पर अपनी गलतियां भी क्या तुझे याद है नफरतों से अपनी मुझको नवाजा था चंदन बना कर मैंने माथे लगाया था।

मन 🌼🌻🌹🌟🌈✍️

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मन काग़ज़ की नाव तुझे पाने का इसे चाव तुम्हें पाने की चाहत में इसने खाए हैं कई घाव चाहे ये तेरी शीतल छांव अब ना भटकाओ *नीरजा* मुझको बांध ले अपनी ठांव।..🌈✍️

गुंजाइश तो रहती है..🌈🌈🌈✍️

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गुंजाइश तो रहती है कितना भी मुश्किल वक़्त हो अगर दृढ़ निश्चय कर लिया जाए तो राहें आसान हो जाती हैं। परिस्थितियां कैसी भी हो अपने मन में आशा की एक किरण को कभी बुझने नहीं देना चाहिए। मैं बचपन से ही लिखने का शौक रखती थी पर जिन्दगी की भाग दौड़ में ऐसे उलझी की कभी समय हीं नहीं मिला कि अपने इस शौक को पूरा कर पाती। एक कसक मन में रहती जब भी किसी का लिखा हुआ पढती तो अनेकानेक भाव मेरे मन में भी तैरने लगते । मैं इस बात को अपने अंदाज में इस तरह लिखती । पर फिर बात वहीं समाप्त हो जाती और मैं अपने डेली रूटीन में व्यस्त हो जाती ।   फिर अचानक ही से हम सब की जिंदगी में एक ऐसे वायरस ने  दस्तक दी और सब कुछ बदल गया सब कुछ बंद हो गया स्कूल ,कालेज ,आफिस सब बंद हो गया।पर ये अनचाही छुट्टी कुछ ही दिनों में बोझ बनने लगी। बच्चों को अपने स्कूल की आन लाइन पढ़ाई-लिखाई पसंद नहीं आ रही थी मैंने एक दिन बच्चों को प्रेरित करने के लिए चार लाइन सुनाई वो लाइनें उन्हें इतनी अच्छी लगी ,कहने लगे कहा से पढ़ा फिर जब मैंने बताया खुद से बनाईं है फिर तो उनकी जिद हो गई और लिखो । इस तरह मुझे भी कुछ अपने मन का करना अच्छा...

मै बादल बन जाऊं….☁️🌨️⛈️⚡🌈⭐

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follow me on..👇  मै बादल बन जाऊंं और  तेरी गलियों में आऊं  तेरे तपते तन मन पे  रिमझिम सावन बरसांऊ...✍️

ये इश्क़ है जनाब..❤️❤️

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matrubharti ये इश्क है जनाब तुम ना कर पाओगे  दो कदम हीं चल के फिर तो ना पछताओगे हो गर जो हिम्मत खुद को निसार करने की करना तब हिमाकत*नीरजा* तुम दिल लगाने की।

रोमांचक

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 रोमांचक सफर हो जो तुम मेरे साथ हो लम्बा हो रास्ता और हाथों में हाथ हो खत्म ना हो सफर बस यही फरियाद हो रुसवाइयों का *नीरजा *फिर किसको ख्याल हो।

भ्रष्टाचार

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अरमां है अम्बर छूने की, सच कैसे कर पाएंगे भ्रष्टाचार के दलदल से बाहर कैसे निकल पाएंगे सपना देखा इन आंखों से मुझको भी तो न्याय मिले जीने और खाने का मुझको भी अधिकार मिले पर अदना सा ये सपना सपना ही रह जाता है भ्रष्टाचार का विषैला दानव*नीरजा* सब स्वाहा कर जाता है

कैसे करु पहचान‌

ना आता मुझको छल करना ना मैं कर पाऊं ढोंग जग की चालाकी समझ न पाऊं समझूं अपने जैसा कौन है अपना कौन पराया इसकी मुझको परख नही मुझ संग कौन करे चालाकी इसका मुझको ज्ञान नहीं उनको समझ आता है ऐसा*नीरजा*  बेवकूफ नहीं कोई मेरे जैसा

दूर नहीं हो आप

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अश्रुपूरित नैनों को अपने मैं समझाऊं कैसे पास नहीं हो आप हमारे दिल को समझाऊं कैसे शब्द नहीं है पास हमारे बतलाऊ मैं पापा कैसे सुख दुख की बेला को अपने मैं तुम संग बांटू पापा कैसे इतनी बड़ी निर्मम दुनिया में तुम बिन कदम बढाऊ कैसे कह गये आता हूं जल्दी तन्हा फिर मुझे छोड़ा कैसे कहते थे हूं गर्व तुम्हरा ये सब कुछ तुम संग बांटू कैसे अश्रुपूरित नैनों को अपने मैं समझाऊं कैसे।

naino mein samundar kaise samaye..

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 आंखों से बहते समंदर कौन रोक पाएगा। इनके हृदय की वेदना का कोई अनुमान भी नहीं लगा सकता। शहादत देने वाले इन वीरों ने तो शहादत देदी और देश ने इनका सम्मान भी किया। परन्तु असली शहादत तो पूरी जिंदगी इनकी हमसफर को देनी होती है। अपने आंसुओं को दर्द को पीकर नये सिरे से जिन्दगी की जंग लड़नी होती है जिसमें कोई साथ नहीं होता  है। वृद्ध माता-पिता की जिम्मेदारी, बच्चों की परवरिश अकेले करना भी ज़िन्दगी की जंग लड़ने के समतुल्य हीं है। हमें हर शहीदके परिवार से जब भी मुलाकात हो और जितनी मदद हमसे संभव हो अपने सामर्थ्य अनुसार यहीं असली श्रद्धांजलि होगी।न कि एक दिन पश्चात  उन्हें भुला दिया जाए।हम सब ये संकल्प करें इन असली वीरांगनाओं को जिन्होंने अपना सब कुछ न्योक्षावर कर दिया देश पे उनका सम्मान करें। #galwanvalley #indiansoldiers #neerja #neerja_kikalam #neerjapandey #neerjakikalam  #indianarmy

नैनों में समुंदर कैसे समाए

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नैनों में समन्दर आंसू का हदय में हाहाकार है क्या कोई समझेगा मेरी पीड़ा को उनके लिए तो व्यापार हैं सर्वस्व न्यौछावर किया देश पे इसका मुझको अभिमान है करके दफन अपनी जख्मों को पूरे अपने फ़र्ज़ करूं कष्ट उठाऊ चाहे जितना हर जनम तुम्हरा वरण करू।

dreams

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तन्हाई

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matrubharti तनहाई का ये मंजर   तेरी याद दिलाता है तुझको बुलाता है रूह पे मेरे खंजर चलाता है हर चीज में मुझे तेरा अक्स नजर आता है..... ...✍️ neerja

कौन कबूल करता है

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कौन कबूल कर पाता है अब मेरे पास ना बल है ना फल है ना ही पत्ते है और ना ही छाया है ये दिल कब कबूल कर पाता है कभी मैं भी हरा भरा था शान से खड़ा था शीतल थी छाया फल था सभी ने खाया पर ये सब है यादें है पुरानी बातें नितान्त अकेला खड़ा हूं कटने से ना डरा हूं