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नैना अश्क ना हो..!!💔❣️

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नैना अश्क ना हो.…...…........ नैनों में समन्दर आंसू का हृदय में हाहाकार है क्या कोई समझेगा मेरी पीड़ा को उनके लिए तो व्यापार हैं सर्वस्व न्यौछावर किया देश पे इसका मुझको अभिमान है करके दफन अपनी जख्मों को पूरे अपने फर्ज करू कष्ट ऊठाऊं चाहे जितना हर जनम तुम्हरा वरण करूं हर जनम तुम्हरा वरण करू।  ये कहते हुए नव्या की आंखें से आंसुओं का वेग रोके नहीं रुक रहा था । जब ये शब्द नव्या ने वीरता पुरस्कार ले कर सभी के कुछ कहने के अनुरोध पर ये लाइनें कहीं। वहां कोई ऐसा नहीं बचा था जिसकी आंखों में आंसू ना हो। शब्दों में अपने मैं इतनी पीड़ा नहीं पीरो सकती जितना मैंने शाश्वत के जाने के बाद नव्या के भीतर महसूस किया। दोनों मेरे सामने ही बड़े हुए मैं उनकी गाइडटीचर ,दोस्त ,सबकुछ थी।        शाश्वत बेहद होनहार था उसे एक बार पढ़ते हीं सारी चीज़ें याद हो जाती थी। जबकि नव्या औसत थी पढ़ाई में। दोनों की मैं टीचर के साथ पड़ोसी भी थी। शाश्वत शुरू से ही आर्मी ज्वाइन करना चाहता था और धीरे धीरे उसकी ये इच्छा ने संकल्प का रूप ले लिया।अब उसके जीवन में एक ही मकसद था सेना में जाकर देश...

जीवन की मधुशाला

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जीवन की मधुशाला में, हर शख्स नशे में डूबा है। है कोई मदहोश सत्ता के नशे में, तो किसी को है गुरूर धन दौलत का। कोई रूप यौवन के गर्व से फूल है तो कोई सफलता में झूमा है। जीवन की मधुशाला में हर शख्स नशे में डूबा है। जाते जाते इक दिन ये सता भी चली जाएगी। धन और दौलत की माया, सदैव  ना रह पाएगी। रूप के बहार का भी तो, एक दिन पतझड़ आएगा। सदा ना रहा ये चढ़ता सूरज, शाम को ढल जायेगा। जैसे हर नशा ही उतरा है, ये भी उतर जायेगा। जीवन की मधुशाला में हर शख्स नशे में डूबा है। निर्मेश ✍️