अद्भुत श्री राम

अद्भुत श्री राम हरे हरे , हरे राम जय हरे हरे , हरि हरे हर क्लेश हरे, जन्म लिए प्रभु धाम अयोध्या, धन्य कियो प्रभु धरा अयोध्या। अद्भुत श्री राम हरे हरे श, हरि हरे हर क्लेश हरे, हर जन मानस के दिल में बसे, रोम-रोम प्रभु प्रेम रचै। कैसे जिए यह राह दिखाई, आदर्श पुत्र ,पति ,पिता ,और भाई, ऊंच-नीच का भेद मिटाया, झूठे बेर शबरी के खाया। अद्भुत श्री राम हरे हरे, हरि हरे हर क्लेश हरे, मर्यादा प्रभु सब को सिखाया, मर्यादा पुरुषोत्तम कहलाए। जय जय प्रभु राम हरे हरे, हरि हरे हरे कृष्ण हरे, अद्भुत श्री राम हरे हरे। नीरजा।