मेरा सांवरा...

यशोदा ये तेरा लल्ला है बड़ा निराला माथे है सोहे मुकुट, मोरपंख लगे प्यारा होंठों पे बांसुरी है , बजे धुन मनमोहनी है करे है चोरी माखन ,छेड़े गोकुल की बाला गोपियों को भाए, राधा का दिल रिझाए लेकर के साथ ग्वाले , महीमा दिखाए न्यारे सबको करे है मोहित , अद्भुत छवि सुशोभित हर के पीड़ा जन जन की , लीला दिखाए अपनी बस आस यही मन की,लेले शरण तू अपनी ना आदि अंत तेरा, कण कण में तेरा बसेरा।