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जुलाई, 2020 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

my new book..!!❣️❣️

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       👉👉👉    तिरस्कृत My new book..!!❣️❣️ Please read it..!!❣️ https://www.amazon.in/dp/B08DD265WV/ref=cm_sw_r_wa_apa_yZVfFbY49A2Q1

तुम जो चाहो

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तुम जो चाहो काम करूं दिन को चाहो रात कहूं पल पल तुझको याद करूं हर पल तेरी बात करूं ये जीवन तेरे नाम करूं बस तुझसे हीं प्यार करूं

सोचा तुझसे बात करूं...!!🌼💖😍❣️❣️❣️

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सोचा तुझसे बात करूं…..💖😍 सोचा तुझसे बात  करूं  ख्वाहिश का इज़हार करूं तू  क्यूं तन्हा जीती है प्यार जो मुझसे करती है जो मेरी वो ख्वाहिश तेरी तो फिर इन्कार क्यूं करती है माना   कुछ  मजबूरी है अपने बीच जो दूरी हैं  मन की अपने बात तो कह  तन्हा ही ना सब कुछ सह  सिर्फ तू ही नहीं है मेरी  तेरी जिम्मेदारियां भी है मेरी क्या हुआ जो फर्ज तेरे बाकी है तेरे साथ ये साथी है

सब रूप ज़िन्दगी के..❣️🌞🌞

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सब रूप जिन्दगी के होते साकार हैं कभी अर्द्ध कभी पूर्ण चंद्राकार है कभी उजाला पूर्णिमा का जीवन में और कभी अमावस्या की रात है जो ना हो विचलित इन सबों से वहीं सच्चा इंसान है नीरजा...✍️

दिल की ज़रूरत।।💖😍

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दिल की जरूरत ना मेरी है ज्यादा बस थोड़ी खुशियां जरा सा सहारा चाहत ये दिल की मिले साथ तेरा ख्वाबों सा सुन्दर हो अपना बसेरा जरूरत नहीं है मुझे  गाड़ी बंगले की तेरे संग झोपड़ी में भी कर लूं गुजारा।...

rishton ki dhoop❤️❤️🌈🌈✨✨🌕

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  रिश्तों की धूप छांव भरी है जीवन की ये नांव जब हो धूप ना घबराओ, निश्चय ही मिलेगी तुम्हें छांव।....🌼🌼🌈🌈🌈❤️❤️

त्याग दो...।। 💔💔

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त्याग दो बेशक मुझे पर चैन तुम ना पाओगे रूह में हूं मैं तुम्हारी मुझ बिन जी न पाओगे हर सांस में हर सोच में हर शब्द में तेरी समाहित मैं ही हूं हर घड़ी ,हर दिन हर  महीने और साल में बिना शामिल मेरे ना होगा  कोई लम्हा तेरे ख्याल में छीनना जो चाहे खुदा उससे भी लड़ मैं जाऊंगी पर तेरी रूखाई को मैं सह ना पाऊंगी त्याग दो बेशक मुझे पर चैन तुम ना पाओगे। त्याग दो..💔

मै पागल हो जाऊं...🥰❣️🌼🌻

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तू लहराती है नदियां सी मैं देख दंग रह जाता हूं छूना चाहू पास से तुझको पर मन हीं मन घबराता हूं। मैं बन जाऊं मस्त पवन उड़ तेरी गलियों में आऊं छूकर तेरे बदन की खुशबू  मैं पागल हो जाऊं

गुरु

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गुरु मिले गोविन्द सा शिष्य हो पार्थ समान जो संयोग हो ऐसा सार्थक जीवन जान।

अधूरी रह गई बात..💔🥺

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सच पूछो तो तुम , मुझको समझ न पाए साथ तुम बेशक मेरे पर मेरे मन को समझ न पाए। सोचा समझाऊं तुमको  अपने मन की बात पर मन की ख्वाहिश  मन में रह गई अधूरी रह गई बात , adhuri reh gyi baat..